फ्रेंडशिप डे पर कलाकारों के साथ हुई ऐसी घटनाएँ, जिन पर आपको यकीन नहीं होगा
Such incidents happened with artists on Friendship Day, which you will not believe.
फ्रेंडशिप डे पर कलाकारों ने अपने यादगार सरप्राइज़ के बारे में बताया
फ्रेंडशिप डे एक खास मौका होता है, जब हम अपने दोस्तों के साथ अपने अटूट रिश्ते का जश्न मनाते हैं। इस खास दिन लोग अपने व्यस्त शेड्यूल से समय निकालकर अपने करीबी दोस्तों से मिलते हैं और उन्हें शुभकामनाएँ देते हैं और साथ मिलकर अच्छा वक्त बिताते हैं। कुछ लोग तो सरप्राइज़ के तौर पर ऐसी यादें देते हैं, जिन्हें जिंदगी भर भुलाया नहीं जा सकता। अपने बेस्ट फ्रेंड्स से मिले ऐसे ही पलों और सरप्राइज़ेज़ को याद करते हुए, एण्डटीवी के कलाकार अपने दिल में संजोई हुई कहानियाँ साझा कर रहे हैं। इन कलाकारों में शामिल हैं- आशुतोष कुलकर्णी (कृष्ण बिहारी वाजपेयी, ‘अटल’), अमित भारद्वाज (मेवा, ‘भीमा’), गीतांजलि मिश्रा (राजेश, ‘हप्पू की उलटन पलटन’) और रोहिताश्व गौड़ (मनमोहन तिवारी, ‘भाबीजी घर पर हैं’)।
ऐसे ही एक यादगार पल के बारे में बात करते हुए, अटल में कृष्ण बिहारी वाजपेयी की भूमिका निभा रहे आशुतोष कुलकर्णी ने कहा, ‘‘जब मेरी शादी नहीं हुई थी, तब मैं एक दोस्त के साथ किराए के घर में रहा करता था। वह नाइट शिफ्ट में काम करता था और सुबह घर लौट आता था। एक बार फ्रेंडशिप डे जब मेरा दोस्त घर लौटा, तब मैंने मुंबई के बाहरी इलाकों में नाश्ते पर जाने की सलाह दी। वह तुरंत राजी हो गया, लेकिन कार में ही सो गया। मौका देखकर मैंने लोनावला जाने की उसकी लंबे वक्त की इच्छा पूरी करने का फैसला लिया। वह चार महीने से लोनावला जाना चाहता था, लेकिन काम के व्यस्त शेड्यूल के कारण नहीं जा पा रहा था। जब वह गहरी नींद में था, तब मैंने लोनावला की ओर गाड़ी बढ़ा दी। जब वह उठा और उसे पता चला कि हम कहाँ हैं, तब वह बहुत खुश हुआ और मेरे इस सरप्राइज़ ने उसके दिल को गहराई तक छू लिया था। उसने कसकर मुझे गले से लगा लिया और हमने एक बेहतरीन दिन बिताया। हमने लोनावला की पहाड़ियों पर चाय पी और वहाँ के आनंददायक वातावरण का आनंद लिया।’’
‘भीमा‘ में मेवा की भूमिका निभा रहे अमित भारद्वाज ने बताया, ‘‘मेरे दोस्तों का एक छोटा-सा सर्कल है, जिन्होंने मेरे सफर में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वे दोस्त मेरे लिए बेहद खास हैं, लेकिन मेरा छोटा भाई सुमित बचपन से ही मेरा सबसे करीबी दोस्त है। और मेरे दिल में उसकी एक खास जगह है। पिछले साल उसने मेरे दिल को छू लेने वाला एक सरप्राइज़ दिया था। जब मेरा फोन अचानक बंद हो गया और इस बात का पता उसे हमारी माँ से चला, तब उसने तुरंत मेरी पत्नी के नंबर पर कॉल किया और मुझसे पूछा कि मैं कौन-सा फोन खरीदना चाहता हूँ। उनकी योजना से बेखबर, मैंने बाजार के सबसे महँगे फोन का नाम बताया, लेकिन यह भी कहा कि बहुत महँगा होने के कारण मैं उसे खरीद नहीं सकता। इसलिए मुझे कोई और फोन चाहिए। मेरी पत्नी ने मेरे भाई को यह बात बताई और अगले दिन उसने वह फोन मेरे हाथ में रख दिया। मेरे भाई ने मुझे सरप्राइज़ देने के लिए अपना पैसा मेरी पत्नी के खाते में डाल दिया था। और जब मेरी पत्नी ने मुझे यह बात बताई, तब मैं दंग रह गया। मेरे भाई का यह तोहफा और सरप्राइज़ मेरे लिये सबसे यादगार पलों में से एक है।’’
‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश, ऊर्फ गीतांजलि मिश्रा ने बताया, ‘‘असल जिन्दगी में मेरी सबसे करीबी दोस्त हैं सपना सिकरवार। ‘हप्पू की उलटन पलटन’ में वे मेरी बहन बिमलेश बनी हैं। हम करीब दस सालों से एक-दूसरे को जानते हैं, लेकिन इस शो में आने के बाद से हमारा रिश्ता ज्यादा मजबूत होता गया। हम सेट पर साथ में खाते हैं और यदि उनका पैक-अप जल्दी हो जाता है, तो वे अक्सर मेरा इंतजार करती हैं। या फिर यदि मेरा कॉल टाइम देरी का होता है, तो मैं जल्दी पहुँच जाती हूँ, ताकि हम खाते-खाते बातें कर सकें। वे हर दिन मेरे खाने के लिए मेरी पसंदीदा चीजें लाती हैं और मुझे सरप्राइज़ देती हैं। इसलिए सिर्फ एक सरप्राइज़ के बारे में बताना उनके साथ अन्याय होगा (हँसते हुए)। सच्ची दोस्ती दूरियों से इतर होती है और उसमें दूर से भी एक-दूसरे की फिक्र करना जरूरी होता है। सपना ऐसी दोस्त है, जो कभी-कभी मुझे मुश्किल में डाल देती है (हँसते हुए)। साथ मिलकर हम दूसरों के लिए परेशानियाँ खड़ी कर देते हैं।’’
‘भाबीजी घर पर हैं‘ में मनमोहन तिवारी की भूमिका निभा रहे रोहिताश्व गौड़ ने याद करते हुए कहा, ‘‘उन दिनों दोस्तों के बीच, खासकर पुरूष मित्रों के बीच होने वाले सरप्राइज़ के बारे में ज्यादा बात नहीं होती थी। मुझे बचपन के अपने सबसे करीबी दोस्तों में से एक हरप्रीत सिंह ब्रार की याद आती है। वह एक बेहतरीन पेंटर है, जिसने मेरे समेत कई लोगों की जीवंत तस्वीरें बनाई। हम जल्दी ही दोस्त बन गए थे, क्योंकि हम दोनों एक ही शहर कालका से थे। मुझे प्रोजेक्टर्स पर फिल्में देखना बहुत पसंद था। एक दिन मैंने खिलौनों की दुकान में एक छोटा-सा प्रोजेक्टर देखा और उसकी कीमत दस रुपए थी। उसमें अलग-अलग फिल्मों की रीलें थीं, जो मुझे बहुत आकर्षित कर रही थीं। मैंने दुकानदार को उधार के लिए मना लिया और पैसा बाद में देने का वादा किया। फिर मुझे डर लगने लगा। हरप्रीत ने मुझे सलाह दी कि मैं अपने पिता से अनबन टालने के लिए अपनी माँ को यह बात बता दूँ। जब मैंने अपनी माँ को बताया, तब शुरूआत में उन्होंने मुझे डाँटा, लेकिन फिर पाँच रुपए दिए, ताकि कर्ज का एक हिस्सा तो चुका दूँ। मैं मदद के लिए हरप्रीत के पास पहुँचा और मेरा सरप्राइज़ यह रहा कि उसने भी मुझे देने के लिए पाँच रूपये जुटा लिए थे। इस तरह दुकानदार को उसके पैसे मिल गए और वह दिन मुझे सबसे ज्यादा खुशी वाले दिनों में से एक बन गया।’’
अपने चहेते कलाकारों को देखिए ‘अटल’ में रात 8:00 बजे, ‘भीमा’ में रात 8:30 बजे, ‘हप्पू की उलटन पलटन’ में रात 10:00 बजे और ‘भाबीजी घर पर हैं’ में रात 10:30 बजे, हर सोमवार से शुक्रवार सिर्फ एण्डटीवी पर।