पुणे के नेता वसंत मोरे ने राज ठाकरे की तस्वीर के सामने साष्टांग प्रणाम कर छोड़ा मनसे

पुणे, 12 मार्च । फायरब्रांड नेता वसंत मोरे मंगलवार को यहां महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे की तस्वीर के सामने झुके और फिर हाथ जोड़कर प्रणाम किया और पार्टी छोड़ दी। वसंत मोरे ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में पार्टी नेतृत्व और कार्यकर्ताओं को चौंकाते हुए कहा, यह मेरा जय महाराष्ट्र है...कृपया मुझे क्षमा करें... पिछले 18 वर्षों से मनसे के सदस्य वसंत मोरे संसद और विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए दरकिनार किए जाने से असंतुष्ट थे और उन्होंने अचानक पार्टी छोड़ने का फैसला किया। पुणे में कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा उनके खिलाफ गंदी राजनीति की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए वसंत मोरे ने राज ठाकरे को एक संक्षिप्त नोट लिखा। उन्होंने दावा किया कि एमएनएस के प्रति उनकी वफादारी पर सवालिया निशान लगा दिया गया, जो उन्हें बहुत दुखद लगा और उन्होंने उस पार्टी को छोड़ने का फैसला किया, जिसकी उन्होंने 18 साल तक ईमानदारी से सेवा की। इससे पहले आज भविष्य में क्या होने वाला है, इसकी ओर इशारा करते हुए वसंत मोरे ने कहा कि एक सीमा से अधिक कष्ट सहने के बाद व्यक्ति बहुत शांत हो जाता है, उसे किसी से कोई शिकायत या अपेक्षा नहीं रहती। उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि वह तीन-चार दिनों के बाद अपनी अगली कार्रवाई की घोषणा करेंगे, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या वह किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होंगे या आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। (आईएएनएस)

पुणे के नेता वसंत मोरे ने राज ठाकरे की तस्वीर के सामने साष्टांग प्रणाम कर छोड़ा मनसे
पुणे, 12 मार्च । फायरब्रांड नेता वसंत मोरे मंगलवार को यहां महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे की तस्वीर के सामने झुके और फिर हाथ जोड़कर प्रणाम किया और पार्टी छोड़ दी। वसंत मोरे ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में पार्टी नेतृत्व और कार्यकर्ताओं को चौंकाते हुए कहा, यह मेरा जय महाराष्ट्र है...कृपया मुझे क्षमा करें... पिछले 18 वर्षों से मनसे के सदस्य वसंत मोरे संसद और विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए दरकिनार किए जाने से असंतुष्ट थे और उन्होंने अचानक पार्टी छोड़ने का फैसला किया। पुणे में कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा उनके खिलाफ गंदी राजनीति की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए वसंत मोरे ने राज ठाकरे को एक संक्षिप्त नोट लिखा। उन्होंने दावा किया कि एमएनएस के प्रति उनकी वफादारी पर सवालिया निशान लगा दिया गया, जो उन्हें बहुत दुखद लगा और उन्होंने उस पार्टी को छोड़ने का फैसला किया, जिसकी उन्होंने 18 साल तक ईमानदारी से सेवा की। इससे पहले आज भविष्य में क्या होने वाला है, इसकी ओर इशारा करते हुए वसंत मोरे ने कहा कि एक सीमा से अधिक कष्ट सहने के बाद व्यक्ति बहुत शांत हो जाता है, उसे किसी से कोई शिकायत या अपेक्षा नहीं रहती। उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि वह तीन-चार दिनों के बाद अपनी अगली कार्रवाई की घोषणा करेंगे, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या वह किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होंगे या आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। (आईएएनएस)