राजिम कुंभ कल्प मेला के दूसरे दिन रविवार को रही भारी भीड़

छत्तीसगढ़ संवाददाता राजिम, 26 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प मेला के दूसरे दिन रविवार हो भारी भीड़ रही है। रविवार अवकाश होने के कारण सुबह से ही लोगों का आना-जाना शुरू हो गया। चंूकि इस बार मेला का आयोजन रामोत्वस के रूप में नए स्वरूप में मनाया जा रहा है। लोग अपनी सुविधा के अनुसार राजिम पहुंचकर मेला का आनंद ले रहे हैं। मेला में पहुंचने वाले सबसे पहले भगवान श्री राजीव लोचन और श्री कुलेश्वर महोदव मंदिर के दर्शन कर रहे हैं। मंदिर परिसर की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रस्सी और बांस की लकड़ी से घेराव किया गया है, जिसकी वजह से श्रद्धालुगण बारी-बारी से सुविधापूर्वक दर्शन कर रहे हैं। मंदिर में दर्शन करने के बाद लोगों की भीड़ नदी में लगे विभिन्न स्टाल प्रदर्शनी की ओर पहुंच रहे हैं। यहां शासन के जनकल्याकारियों को जानकारी स्टॉल में मौजूद अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा दी जा रही है। वहीं कई ऐसे स्टॉलों में लोगों को लाभ भी मिल रहा है। लोगों की सबसे ज्यादा भीड़ शिक्षा, पर्यटन, आदिवासी कलाकृति को देखने उमड़ रही है। वहीं राजिम मेला आकार्षण का केन्द्र बने राम वनगमन चलित झांकी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। कुलेश्वर महादेव मंदिर के पास बने सांस्कृतिक मंच में स्थानीय कलाकारों के कार्यक्रम को देखने के लिए सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक पूरा मंच स्थल दर्शकों से भरा रहा। नदी परिसर में ही विभिन्न भंडारे में भोजन के लिए भीड़ देखी गई। इधर मीना बाजार में झूला, खिलौने की दुकान, मौत की कुंआ, आईसक्रीम, पानी पुरी, भेल और की दुकान में अपने पसंद की चीजे लेने के लिए एकत्रित रहें। संध्याकालीन महानदी आरती के लिए हजारों की संख्या में भक्तजन उपस्थित होकर महानदी की आरती में शामिल हो रहे हैं।

राजिम कुंभ कल्प मेला के दूसरे दिन रविवार को रही भारी भीड़
छत्तीसगढ़ संवाददाता राजिम, 26 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प मेला के दूसरे दिन रविवार हो भारी भीड़ रही है। रविवार अवकाश होने के कारण सुबह से ही लोगों का आना-जाना शुरू हो गया। चंूकि इस बार मेला का आयोजन रामोत्वस के रूप में नए स्वरूप में मनाया जा रहा है। लोग अपनी सुविधा के अनुसार राजिम पहुंचकर मेला का आनंद ले रहे हैं। मेला में पहुंचने वाले सबसे पहले भगवान श्री राजीव लोचन और श्री कुलेश्वर महोदव मंदिर के दर्शन कर रहे हैं। मंदिर परिसर की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रस्सी और बांस की लकड़ी से घेराव किया गया है, जिसकी वजह से श्रद्धालुगण बारी-बारी से सुविधापूर्वक दर्शन कर रहे हैं। मंदिर में दर्शन करने के बाद लोगों की भीड़ नदी में लगे विभिन्न स्टाल प्रदर्शनी की ओर पहुंच रहे हैं। यहां शासन के जनकल्याकारियों को जानकारी स्टॉल में मौजूद अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा दी जा रही है। वहीं कई ऐसे स्टॉलों में लोगों को लाभ भी मिल रहा है। लोगों की सबसे ज्यादा भीड़ शिक्षा, पर्यटन, आदिवासी कलाकृति को देखने उमड़ रही है। वहीं राजिम मेला आकार्षण का केन्द्र बने राम वनगमन चलित झांकी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। कुलेश्वर महादेव मंदिर के पास बने सांस्कृतिक मंच में स्थानीय कलाकारों के कार्यक्रम को देखने के लिए सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक पूरा मंच स्थल दर्शकों से भरा रहा। नदी परिसर में ही विभिन्न भंडारे में भोजन के लिए भीड़ देखी गई। इधर मीना बाजार में झूला, खिलौने की दुकान, मौत की कुंआ, आईसक्रीम, पानी पुरी, भेल और की दुकान में अपने पसंद की चीजे लेने के लिए एकत्रित रहें। संध्याकालीन महानदी आरती के लिए हजारों की संख्या में भक्तजन उपस्थित होकर महानदी की आरती में शामिल हो रहे हैं।