पूर्णिया में कांटे की टक्कर, पप्पू यादव के तेवर ने गठबंधनों का समीकरण बिगाड़ा

पूर्णिया, 23 अप्रैल । लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को बिहार के सीमांचल इलाके की सीट पूर्णिया के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपना जनप्रतिनिधि चुनेंगे। बिहार की अधिकांश सीटों पर महागठबंधन और एनडीए के बीच सीधा मुकाबला है, लेकिन पूर्णिया की स्थिति अलग है। पूर्णिया में पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बतौर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरकर दोनों गठबंधनों के समीकरण को बिगाड़ दिया है। यादव का दावा है कि उन्हें कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है। गौर करने वाली बात है कि यहां के लोग भी एनडीए और महागठबंधन की जीत-हार के बदले यह जानने को उत्सुक हैं कि पप्पू यादव जीतेंगे या हारेंगे। महागठबंधन ने यहां से राजद की नेता बीमा भारती को चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि एनडीए की ओर से निवर्तमान सांसद जदयू के नेता संतोष कुशवाहा चुनावी रण में ताल ठोक रहे हैं। पिछले चुनाव में संतोष कुशवाहा ने कांग्रेस के उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को बड़े अंतर से हराया था। इस चुनाव के कुछ ही दिन पहले पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकार पार्टी के कांग्रेस में विलय कर यह साफ संकेत दे दिया था कि वे कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिया से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि बाद में यह सीट महागठबंधन में राजद के कोटे में चली गयी। इसके बाद पप्पू यादव बतौर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए। पप्पू दावा कहते हैं कि उन्हें न केवल कांग्रेस का बल्कि भाजपा और राजद के लोगों का भी समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा कि वे पूर्णिया के बेटे के तौर पर चुनावी मैदान में हैं। पप्पू यादव पूर्णिया में आम नागरिक की तरह चुनाव प्रचार में लगे हैं। कभी वे सड़कों पर मोटर साइकिल दौड़ाते नजर आ रहे हैं तो कभी किसी के घर भात खाते। वैसे, राजद के नेता तेजस्वी यादव किसी हाल में एमवाई समीकरण में सेंधमारी को लेकर चौकन्ने हैं। दो दिनों से तेजस्वी पूर्णिया में जमकर प्रचार कर रहे हैं। नेपाल और बंगाल से सटे पूर्णिया में पप्पू यादव न केवल राजद के वोट बैंक में सेंधमारी को लेकर जुगत में हैं, बल्कि जदयू इस वोट बैंक की लड़ाई और मोदी की लहर को लेकर उत्साहित है। राजद किसी हाल में निर्दलीय पप्पू यादव को जीतना नहीं देखना चाहती। यही कारण है कि सोमवार को एक चुनावी सभा में तेजस्वी यादव ने लोगों को यह संकेत भी दे दिए। उन्होंने कहा कि आप इंडिया गठबंधन को चुनिए। अगर आप इंडिया गठबंधन की बीमा भारती को नहीं चुनते हैं, तो आप एनडीए उम्मीदवार को चुनिए। तेजस्वी ने लोगों को सचेत करते हुए कहा कि किसी के धोखे में नहीं रहना है। उन्होंने कहा कि यह किसी एक व्यक्ति का चुनाव नहीं है। या तो इंडिया या एनडीए। कहा तो यह भी जा रहा है कि राजद ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की चुनावी सभा कराने को लेकर कांग्रेस पर दबाव बनाया था, लेकिन कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं हुई। बहरहाल, पूर्णिया में पप्पू यादव के मुकाबले में उतरने से मुकाबला त्रिकोणात्मक हो गया है। अब देखने वाली बात होगी कि पूर्णिया में मोदी की लहर चलती है महागठबंधन बाजी मारेगा या पप्पू की भावनात्मक अपील लोगों को पसंद आएगी। इसका पता तो चार जून को परिणाम के बाद ही चलेगा। वैसे, कहा यह भी जाता है कि चर्चा में बने रहना और चुनावी अखाड़े में परचम लहराने में काफी अंतर है। (आईएएनएस)

पूर्णिया में कांटे की टक्कर, पप्पू यादव के तेवर ने गठबंधनों का समीकरण बिगाड़ा
पूर्णिया, 23 अप्रैल । लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को बिहार के सीमांचल इलाके की सीट पूर्णिया के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपना जनप्रतिनिधि चुनेंगे। बिहार की अधिकांश सीटों पर महागठबंधन और एनडीए के बीच सीधा मुकाबला है, लेकिन पूर्णिया की स्थिति अलग है। पूर्णिया में पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बतौर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरकर दोनों गठबंधनों के समीकरण को बिगाड़ दिया है। यादव का दावा है कि उन्हें कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है। गौर करने वाली बात है कि यहां के लोग भी एनडीए और महागठबंधन की जीत-हार के बदले यह जानने को उत्सुक हैं कि पप्पू यादव जीतेंगे या हारेंगे। महागठबंधन ने यहां से राजद की नेता बीमा भारती को चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि एनडीए की ओर से निवर्तमान सांसद जदयू के नेता संतोष कुशवाहा चुनावी रण में ताल ठोक रहे हैं। पिछले चुनाव में संतोष कुशवाहा ने कांग्रेस के उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को बड़े अंतर से हराया था। इस चुनाव के कुछ ही दिन पहले पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकार पार्टी के कांग्रेस में विलय कर यह साफ संकेत दे दिया था कि वे कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिया से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि बाद में यह सीट महागठबंधन में राजद के कोटे में चली गयी। इसके बाद पप्पू यादव बतौर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए। पप्पू दावा कहते हैं कि उन्हें न केवल कांग्रेस का बल्कि भाजपा और राजद के लोगों का भी समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा कि वे पूर्णिया के बेटे के तौर पर चुनावी मैदान में हैं। पप्पू यादव पूर्णिया में आम नागरिक की तरह चुनाव प्रचार में लगे हैं। कभी वे सड़कों पर मोटर साइकिल दौड़ाते नजर आ रहे हैं तो कभी किसी के घर भात खाते। वैसे, राजद के नेता तेजस्वी यादव किसी हाल में एमवाई समीकरण में सेंधमारी को लेकर चौकन्ने हैं। दो दिनों से तेजस्वी पूर्णिया में जमकर प्रचार कर रहे हैं। नेपाल और बंगाल से सटे पूर्णिया में पप्पू यादव न केवल राजद के वोट बैंक में सेंधमारी को लेकर जुगत में हैं, बल्कि जदयू इस वोट बैंक की लड़ाई और मोदी की लहर को लेकर उत्साहित है। राजद किसी हाल में निर्दलीय पप्पू यादव को जीतना नहीं देखना चाहती। यही कारण है कि सोमवार को एक चुनावी सभा में तेजस्वी यादव ने लोगों को यह संकेत भी दे दिए। उन्होंने कहा कि आप इंडिया गठबंधन को चुनिए। अगर आप इंडिया गठबंधन की बीमा भारती को नहीं चुनते हैं, तो आप एनडीए उम्मीदवार को चुनिए। तेजस्वी ने लोगों को सचेत करते हुए कहा कि किसी के धोखे में नहीं रहना है। उन्होंने कहा कि यह किसी एक व्यक्ति का चुनाव नहीं है। या तो इंडिया या एनडीए। कहा तो यह भी जा रहा है कि राजद ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की चुनावी सभा कराने को लेकर कांग्रेस पर दबाव बनाया था, लेकिन कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं हुई। बहरहाल, पूर्णिया में पप्पू यादव के मुकाबले में उतरने से मुकाबला त्रिकोणात्मक हो गया है। अब देखने वाली बात होगी कि पूर्णिया में मोदी की लहर चलती है महागठबंधन बाजी मारेगा या पप्पू की भावनात्मक अपील लोगों को पसंद आएगी। इसका पता तो चार जून को परिणाम के बाद ही चलेगा। वैसे, कहा यह भी जाता है कि चर्चा में बने रहना और चुनावी अखाड़े में परचम लहराने में काफी अंतर है। (आईएएनएस)