संकल्प शक्ति व दृश्यावलोकन शक्ति एक साथ प्रयोग करना ही मेडिटेशन विधि है-चैतन्य प्रभा

दुर्ग, 5 मई। ब्रह्माकुमारी चैतन्य प्रभा ने विद्यार्थियों को बताया कि भारतीय परंपरा में जब एक दूसरे का अभिवादन करते हैं तो दोनों हाथ जोडक़र किया जाता है जिसका आशय है मैं अंदर और बाहर से आपको नमन करता हूं। चैतन्य प्रभा ने बताया कि यही बातें जब हम मेडिटेशन (ध्यान) करते हैं तो हमारे दो अंतरिक शक्ति एक विचार या संकल्प शक्ति दूसरा दृश्यावलोकन या विज्युलाइजेशन की शक्ति इन दोनों शक्तियों का एक साथ प्रयोग करने से सहज ही एकाग्रता की शक्ति में वृद्धि होने लगती है। चैतन्य प्रभा ने बताया कि किंतु इसके लिए कम से कम एक माह या अधिक से अधिक तीन माह नियमित करने से इसका लाभदायक परिणाम दिखाई देने लगता है। आपने विचारों के चार प्रकार के विषय में विद्यार्थियों को बताया कि सभी के मन में पहला सकारात्मक दूसरा साधारण तीसरा व्यर्थ चौथा नकारात्मक इन विचारों की उत्पत्ति होती है तो जब हम प्रात: काल उठते हैं तो अपनी मन को यह विचार दें । मैं निडर हूं..., मैं खुश हूं..., मैं शांत स्वरूप ..., मैं शक्तिशाली ...., मेरे लिए यह पढ़ाई बहुत अच्छी ... । चैतन्य प्रभा ने बताया कि जब ऐसे विचार करते हैं तो जीवन में सकारात्मकता आने लगती है साथ ही आपने बताया कि किसी भी लक्ष्य को यदि प्राप्त करना है तो उसके लिए मन में संकल्प या विचार करें वह बुद्धि के द्वारा लक्ष्य का दृश्य देखे इसे लगातार तीन माह तक करें तो आप पाएंगे जिस लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं वह मेरे समीप आ रहा है । पुरस्कार वितरित करते हुए वरिष्ठ राजयोगी शिक्षिका रूपाली बहन ने सभी विद्यार्थियों को कहा यह कैंप का समापन नहीं है यहां प्रति रविवार विद्यार्थियों के लिए सुबह 9:00 से 10:00 बजे तक विशेष क्लास रहेगी जिसमें आप सभी को आना है।

संकल्प शक्ति व दृश्यावलोकन शक्ति एक साथ प्रयोग करना ही मेडिटेशन विधि है-चैतन्य प्रभा
दुर्ग, 5 मई। ब्रह्माकुमारी चैतन्य प्रभा ने विद्यार्थियों को बताया कि भारतीय परंपरा में जब एक दूसरे का अभिवादन करते हैं तो दोनों हाथ जोडक़र किया जाता है जिसका आशय है मैं अंदर और बाहर से आपको नमन करता हूं। चैतन्य प्रभा ने बताया कि यही बातें जब हम मेडिटेशन (ध्यान) करते हैं तो हमारे दो अंतरिक शक्ति एक विचार या संकल्प शक्ति दूसरा दृश्यावलोकन या विज्युलाइजेशन की शक्ति इन दोनों शक्तियों का एक साथ प्रयोग करने से सहज ही एकाग्रता की शक्ति में वृद्धि होने लगती है। चैतन्य प्रभा ने बताया कि किंतु इसके लिए कम से कम एक माह या अधिक से अधिक तीन माह नियमित करने से इसका लाभदायक परिणाम दिखाई देने लगता है। आपने विचारों के चार प्रकार के विषय में विद्यार्थियों को बताया कि सभी के मन में पहला सकारात्मक दूसरा साधारण तीसरा व्यर्थ चौथा नकारात्मक इन विचारों की उत्पत्ति होती है तो जब हम प्रात: काल उठते हैं तो अपनी मन को यह विचार दें । मैं निडर हूं..., मैं खुश हूं..., मैं शांत स्वरूप ..., मैं शक्तिशाली ...., मेरे लिए यह पढ़ाई बहुत अच्छी ... । चैतन्य प्रभा ने बताया कि जब ऐसे विचार करते हैं तो जीवन में सकारात्मकता आने लगती है साथ ही आपने बताया कि किसी भी लक्ष्य को यदि प्राप्त करना है तो उसके लिए मन में संकल्प या विचार करें वह बुद्धि के द्वारा लक्ष्य का दृश्य देखे इसे लगातार तीन माह तक करें तो आप पाएंगे जिस लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं वह मेरे समीप आ रहा है । पुरस्कार वितरित करते हुए वरिष्ठ राजयोगी शिक्षिका रूपाली बहन ने सभी विद्यार्थियों को कहा यह कैंप का समापन नहीं है यहां प्रति रविवार विद्यार्थियों के लिए सुबह 9:00 से 10:00 बजे तक विशेष क्लास रहेगी जिसमें आप सभी को आना है।