समर्थकों के टिकट कटने पर ऐसा क्यों बोले ज्योतिरादित्य सिंधिया? बीजेपी में न मेरा है, न तेरा है…

ग्वालियर  एमपी में बीजेपी (MP Election News) की पहली लिस्ट आ गई है। पहली लिस्ट...

समर्थकों के टिकट कटने पर ऐसा क्यों बोले ज्योतिरादित्य सिंधिया? बीजेपी में न मेरा है, न तेरा है…

ग्वालियर
 एमपी में बीजेपी (MP Election News) की पहली लिस्ट आ गई है। पहली लिस्ट में ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के एक समर्थक का टिकट कट गया है। इस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। ग्वालियर में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) चुनावों के लिए उम्मीदवारों का चयन करते समय जीतने की क्षमता के कारक पर विचार करती है, जबकि कांग्रेस में गुटबाजी हावी है। मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव कार्यक्रम की अभी तक घोषणा नहीं हुई है लेकिन आश्चर्यजनक रूप से बीजेपी ने 17 अगस्त को चुनावों के प्रदेश की 39 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी।

बीजेपी की ग्वालियर में आयोजित प्रदेश कार्यकारिणी के बैठक से पहले सिंधिया ने कहा कि यहां (बीजेपी में) (टिकट वितरण में) न मेरा है, न तेरा है। सभी भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा हैं। बीजेपी में कांग्रेस की तरह कोई गुटबाजी नहीं है। जिस व्यक्ति के जीतने की अच्छी संभावना होती है, वह नामांकित हो जाता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह बात अपने वफादारों के टिकट कटने पर कही है।

दरअसल, मार्च 2020 में सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हुए उनके वफादारों में से पांच लोग पिछले दो महीनों में कांग्रेस में लौट चुके हैं। ताजा मामला बीजेपी कार्यसमिति के सदस्य रहे समंदर पटेल का है जो दो दिन पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए हैं। उम्मीदवारों की सूची में सिंधिया वफादारों में से एक रणवीर जाटव को जगह नहीं मिली है।

जाटव ने पिछले चुनाव में भिंड जिले के गोहद से बीजेपी के एससी (अनुसूचित जाति) प्रकोष्ठ के प्रमुख लालसिंह आर्य को 23,000 से अधिक वोटों से हराया था। उन्होंने मार्च 2020 में सिंधिया खेमे के अन्य कांग्रेस विधायकों के साथ इस्तीफा दे दिया। नवंबर में बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में उपचुनाव लड़ा, लेकिन कांग्रेस के मेवाराम जाटव से हार गए।

कांग्रेस के इस दावे पर कि बीजेपी सरकार के तहत मध्य प्रदेश में ‘50 प्रतिशत कमीशन राज व्याप्त है’ सिंधिया ने विपक्षी दल से आत्मनिरीक्षण करने को कहा।

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वहीं, केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ने कहा कि एमपी में उनके (कांग्रेस) 15 महीने के शासन (दिसंबर 2018 से मार्च 2020 तक) में किसानों, युवाओं और महिलाओं के साथ विश्वासघात किया गया। इसके विपरीत बीजेपी सरकार सुशासन और लोगों के कल्याण के लिए काम करती है।