संत शिरोमणी गुरु रविदास सेवा समिति ने संत रविदास जंयती मनाई

रायपुर, 26 फरवरी। संत शिरोमणी गुरु रविदास सेवा समिति काशीराम नगर ने बताया कि एक शोभा यात्रा निकाल कर बाबा बुढ्ढा साहिब गुरुदारा, तेलीबांधा में संत रविदास की जंयती मनाई। इस मौके पर सिक्ख प्रवक्ता सरदार मनमोहन सिंह सैलानी ने बताया कि संत रविदास जी के अनुयायियों को बताया कि सिक्खों को पवित्र ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब में संत रविदास जी की बाणी को भी शामिल किया गया है। समिति ने बताया कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब में 40 पद व शब्द शामिल है। इस कारण सिक्ख धर्म में संत रविदास जिन्हें संत रैदास भी संबोधित किया जाता है उनका काफी सम्मान किया जाता है। संत रविदास जी की आज जयंती के अवसर पर रविदासी समाज काशीनगर के अध्यक्ष अरविन्द कुंभरे, कविराज विंझाडेकर, कृष्णा मानकर,राहुल गायकवाड़, बलीराम भोंडेकर, सुरेश जगने व शुभम बर्वे के साथ शोभायात्रा निकाली गई। समिति ने बताया कि यह शोभायात्रा कांशीराम नगर से बाबा बुढ्ढा साहिब गुरुदारा, तेलीबांधा में समाप्त हुई। इसके बाद रविदासी समाज के सभी लोगों ने गुरुव्दारा में माथा टेका और गुरव्दारा के कीर्तनकार भाई बाज सिंह से संत रविदास के शब्दों पर आधारित कीर्तन का श्रवण किया। समिति ने बताया कि गुरुव्दारा के प्रबंधक सरदार दिलेर सिंह ने संत रविदास के जीवन की जानकारी देते हुए कहा कि संत रैदास जी हमारे लिए भी पूजनीय है। संत रविदास जी ने जाति और धर्म से ऊपर उठकर देश को एकता के सूत्र में बांधने के लिए प्रयास किया।

संत शिरोमणी गुरु रविदास सेवा समिति ने संत रविदास जंयती मनाई
रायपुर, 26 फरवरी। संत शिरोमणी गुरु रविदास सेवा समिति काशीराम नगर ने बताया कि एक शोभा यात्रा निकाल कर बाबा बुढ्ढा साहिब गुरुदारा, तेलीबांधा में संत रविदास की जंयती मनाई। इस मौके पर सिक्ख प्रवक्ता सरदार मनमोहन सिंह सैलानी ने बताया कि संत रविदास जी के अनुयायियों को बताया कि सिक्खों को पवित्र ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब में संत रविदास जी की बाणी को भी शामिल किया गया है। समिति ने बताया कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब में 40 पद व शब्द शामिल है। इस कारण सिक्ख धर्म में संत रविदास जिन्हें संत रैदास भी संबोधित किया जाता है उनका काफी सम्मान किया जाता है। संत रविदास जी की आज जयंती के अवसर पर रविदासी समाज काशीनगर के अध्यक्ष अरविन्द कुंभरे, कविराज विंझाडेकर, कृष्णा मानकर,राहुल गायकवाड़, बलीराम भोंडेकर, सुरेश जगने व शुभम बर्वे के साथ शोभायात्रा निकाली गई। समिति ने बताया कि यह शोभायात्रा कांशीराम नगर से बाबा बुढ्ढा साहिब गुरुदारा, तेलीबांधा में समाप्त हुई। इसके बाद रविदासी समाज के सभी लोगों ने गुरुव्दारा में माथा टेका और गुरव्दारा के कीर्तनकार भाई बाज सिंह से संत रविदास के शब्दों पर आधारित कीर्तन का श्रवण किया। समिति ने बताया कि गुरुव्दारा के प्रबंधक सरदार दिलेर सिंह ने संत रविदास के जीवन की जानकारी देते हुए कहा कि संत रैदास जी हमारे लिए भी पूजनीय है। संत रविदास जी ने जाति और धर्म से ऊपर उठकर देश को एकता के सूत्र में बांधने के लिए प्रयास किया।