विक्रमादित्य सिंह के गढ़ शिमला ग्रामीण पहुंचीं मीनाक्षी लेखी, पन्ना प्रमुख सम्मेलन में लिया हिस्सा

शिमला, 5 मई । हिमाचल प्रदेश में मंडी लोकसभा सीट पर चुनावी लड़ाई दिलचस्प हो चली है। एक ओर जहां कांग्रेस ने विक्रमादित्य सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है तो, दूसरी तरफ भाजपा ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को प्रत्याशी बनाया है। दोनों प्रत्याशियों के समर्थन में तमाम नेताओं की ओर से जनसभा के साथ-साथ नुक्कड़ सभा का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह के गढ़ शिमला ग्रामीण पहुंची। जहां उन्होंने शिमला ग्रामीण पन्ना प्रमुख सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पन्ना प्रमुख पेड वर्कर नहीं हैं। वो अपने पैसे से खुद भी चाय पीते हैं और पांच लोगों को भी पिलाते हैं। वो भाजपा को हिम्मत और ताकत देते हैं। मीनाक्षी लेखी ने पूर्व यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गारंटियों की गारंटी है, मोदी की गारंटी है। यह कोई झूठ-मूठ की गारंटी नहीं, जिसमें किये वादे पूरे न हो। 2014 से पहले बजट में प्रोजेक्ट पारित होते थे, लेकिन, उन पर काम नहीं होता था। रेलवे में 97 प्रोजेक्ट ऐसे थे, जो हर बार पारित होते थे। उसको लेकर योजनाएं भी बनती थी लेकिन काम नहीं होते थे। मोदी सरकार आने के बाद लालफीताशाही व्यवस्था में बदलाव हुआ है। (आईएएनएस)

विक्रमादित्य सिंह के गढ़ शिमला ग्रामीण पहुंचीं मीनाक्षी लेखी, पन्ना प्रमुख सम्मेलन में लिया हिस्सा
शिमला, 5 मई । हिमाचल प्रदेश में मंडी लोकसभा सीट पर चुनावी लड़ाई दिलचस्प हो चली है। एक ओर जहां कांग्रेस ने विक्रमादित्य सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है तो, दूसरी तरफ भाजपा ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को प्रत्याशी बनाया है। दोनों प्रत्याशियों के समर्थन में तमाम नेताओं की ओर से जनसभा के साथ-साथ नुक्कड़ सभा का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह के गढ़ शिमला ग्रामीण पहुंची। जहां उन्होंने शिमला ग्रामीण पन्ना प्रमुख सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पन्ना प्रमुख पेड वर्कर नहीं हैं। वो अपने पैसे से खुद भी चाय पीते हैं और पांच लोगों को भी पिलाते हैं। वो भाजपा को हिम्मत और ताकत देते हैं। मीनाक्षी लेखी ने पूर्व यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गारंटियों की गारंटी है, मोदी की गारंटी है। यह कोई झूठ-मूठ की गारंटी नहीं, जिसमें किये वादे पूरे न हो। 2014 से पहले बजट में प्रोजेक्ट पारित होते थे, लेकिन, उन पर काम नहीं होता था। रेलवे में 97 प्रोजेक्ट ऐसे थे, जो हर बार पारित होते थे। उसको लेकर योजनाएं भी बनती थी लेकिन काम नहीं होते थे। मोदी सरकार आने के बाद लालफीताशाही व्यवस्था में बदलाव हुआ है। (आईएएनएस)