नांदगांव के वरिष्ठ चिकित्सक कोठारी की पोती का अमरीका में सडक़ हादसे में मौत

5 दिन पहले गार्डन से घर लौटते हादसे में गई जान छत्तीसगढ़ संवाददाता राजनांदगांव, 3 मई। राजनांदगांव शहर के प्रख्यात शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. उत्तम कोठारी की पोती का अमेरिका में हुए एक सडक़ हादसे में दुखद निधन हो गया। 11 साल की माही कोठारी को एक तेज रफ्तार वाहन ने अपने चपेटे में उस वक्त ले लिया, जब वह गार्डन से घर लौट रही थी। पोती के निधन की खबर से कोठारी परिवार स्तब्ध है। मिली जानकारी के मुताबिक करीब 5 दिन पहले यानी 29 अप्रैल को माही घर के पास स्थित एक गार्डन में खेल रही थी। वापसी के दौरान अचानक एक तेज गति में आ रही वाहन ने उसे अपने चपेट में ले लिया। जोरदार टक्कर होने से माही के मस्तिष्क और शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोट पहुंची। अमेरिका के सेन फ्रांसिस्को में रहने वाली माही के माता-पिता अंशुल और गरिमा कोठारी गूगल के कर्मचारी हैं। वह काफी समय से अमेरिका में बसे हुए हैं। तकरीबन 20 साल से डॉ. उत्तम कोठारी के बेटे और बहू अमेरिका में जाकर स्थाई रूप से निवासरत हैं। माही को कविता लिखने का शौक था। हाल ही में उसने जीवन से जुड़ी कुछ पहलुओं को कविता में पिरोया था। पोती के निधन की खबर सुनकर डॉ. कोठारी और परिवार के अन्य सदस्य शोक में हैं।

नांदगांव के वरिष्ठ चिकित्सक कोठारी की पोती का अमरीका में सडक़ हादसे में मौत
5 दिन पहले गार्डन से घर लौटते हादसे में गई जान छत्तीसगढ़ संवाददाता राजनांदगांव, 3 मई। राजनांदगांव शहर के प्रख्यात शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. उत्तम कोठारी की पोती का अमेरिका में हुए एक सडक़ हादसे में दुखद निधन हो गया। 11 साल की माही कोठारी को एक तेज रफ्तार वाहन ने अपने चपेटे में उस वक्त ले लिया, जब वह गार्डन से घर लौट रही थी। पोती के निधन की खबर से कोठारी परिवार स्तब्ध है। मिली जानकारी के मुताबिक करीब 5 दिन पहले यानी 29 अप्रैल को माही घर के पास स्थित एक गार्डन में खेल रही थी। वापसी के दौरान अचानक एक तेज गति में आ रही वाहन ने उसे अपने चपेट में ले लिया। जोरदार टक्कर होने से माही के मस्तिष्क और शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोट पहुंची। अमेरिका के सेन फ्रांसिस्को में रहने वाली माही के माता-पिता अंशुल और गरिमा कोठारी गूगल के कर्मचारी हैं। वह काफी समय से अमेरिका में बसे हुए हैं। तकरीबन 20 साल से डॉ. उत्तम कोठारी के बेटे और बहू अमेरिका में जाकर स्थाई रूप से निवासरत हैं। माही को कविता लिखने का शौक था। हाल ही में उसने जीवन से जुड़ी कुछ पहलुओं को कविता में पिरोया था। पोती के निधन की खबर सुनकर डॉ. कोठारी और परिवार के अन्य सदस्य शोक में हैं।